Museu विपश्यना का उद्गम और विकास
- Download the applinks
- iOS
- Android
- Windows Phone
Informações do museu
Sobre o museu
विपश्यना का उद्गम और विकास
चित्र दीर्घा
चित्र दीर्घा में गौतम बुद्ध के जीवनकाल की घटनाओं को कालक्रमानुसार दर्शाया गया है। कुछ कथाओं का केंद्र बिंदु
प्रतिकूल परिस्थतियों में भगवान बुद्ध और उनके मुख्य शिष्यों की मनोदशा और स्थितप्रज्ञता को दर्शाता है। इसके
अतिरिक्त यह बुद्ध शासन के २५०० वर्ष के इतिहास पर भी प्रकाश डालता है।
इस चित्र दीर्घा के सभी चित्र श्री सत्यनारायण गोयन्काजी के मार्गदर्शन में तथा मुंबई के एक सुप्रसिद्ध कलाकार की
अत्यधिक गंभीर देख-रेख में म्यांमार (बर्मा) के कलाकारों द्वारा तैयार किया गया। प्रदर्शनी में भगवान बुद्ध के जीवन
तथा शिक्षा पर आधारित लगभग १२२ चित्र लगे हैं। आगंतुकों को सुविधा प्रदान की गयी है कि वे हर चित्र की कहानी
को श्रवण-यन्त्र के माध्यम से अपनी चयनित भाषा में सुन सकते हैं । यह ६ भाषाओं में उपलब्ध है। इस चित्र दीर्घा को
अवश्य देखें।
Planeje sua visita
- Global Pegoda, Global Pagoda Road, R/C Ward, Zone 4, Mumbai, Mumbai Suburban, Maharashtra, 900092, Índia
-
- Hoje:
- 09:00 - 17:00
- Seg
- 9:00 - 19:00
- Ter
- 9:00 - 19:00
- Qua
- 9:00 - 19:00
- Qui
- 9:00 - 19:00
- Sex
- 9:00 - 19:00
- Sab
- 9:00 - 19:00
- Dom
- 9:00 - 19:00
- http://www.globalpagoda.org
Exibições
Objetos com recurso de áudio
-
तापस सुमेध
-
गर्भाधान स्वप्न
-
जन्म
-
ऋषि कालदेवल
-
बालक सिद्धार्थ का प्रथम ध्यान
-
हिंसक देवदत्त
-
अतुलनीय तीरंदाज
-
पराक्रमी योद्धा और अद्भुत घुड़सवार
-
कोलियराज सुप्पबुद्ध की पुत्री का विवाह-मंगल
-
चार निमित्तों में से पहला निमित्त
-
दूसरा निमित्त
-
तीसरा निमित्त
-
चौथा निमित्त
-
गृह-त्याग
-
श्रमणवेश धारण किया
-
मगध की यात्रा
-
आचार्य आलार कालाम
-
उद्दक रामपुत्त
-
दुष्करचर्या
-
दुष्करचर्या का त्याग
-
पांच स्वप्न में से पहला स्वप्न
-
दूसरा स्वप्न
-
तीसरा स्वप्न
-
चौथा स्वप्न
-
पांचवां स्वप्न
-
सुजाता की खीर
-
मार पराजित
-
सम्यक संबोधि
-
मार कन्याओं का दुष्प्रयत्न विफल
-
तपुस्स और भल्लिक
-
कृतज्ञ संबुद्ध (उपक)
-
धर्मचक्रप्रवर्तन
-
यश और उसका पिता
-
पिता के घर भोजन
-
जाओ धर्मदूतो, धर्मप्रचारण के लिए विचरण करो
-
उरुवेल की कुटिया में क्रुद्ध नागराज
-
मिथ्या अरहंत
-
सही अरहंत हुए
-
मगध में पुनरागमन
-
सारिपुत्त और मोग्गल्लान
-
भरपूर निंदा
-
निंदा-प्रशंसा
-
कपिलवस्तु आगमन
-
यशोधरा
-
राहुल
-
राहुल की प्रव्रज्या
-
सात प्रव्रजित
-
अनाथपिंडिक
-
उत्तम ब्राह्मण सुनीत
-
सोपाक
-
दासी खुज्जुत्तरा
-
शाक्य और कोलीय
-
भिक्षुणीसंघ की स्थापना
-
सच्चक
-
रूपगर्विता खेमा
-
चमत्कार पर रोक
-
भिक्षुणी सिसूपचाला
-
चिंचा माणविका
-
सुंदरी परिव्राजिका
-
आदर्श दंपत्ति
-
बोधिराजकुमार
-
ब्राह्मण मागण्डिय
-
गालियों की बौछार
-
नदी स्नान से पाप नहीं धुलते
-
भगवान का एकांतवास
-
कसि भारद्वाज
-
वेरंजा
-
पटाचारा
-
किसा गोतमी
-
सही यज्ञ
-
सोणदंड : ब्राह्मण बनाने वाले धर्म
-
महासाल ब्राह्मण
-
आलवक
-
सदा सुखी तथागत
-
दो हंडियां
-
अंगुलिमाल
-
सुंदरिक भारद्वाज
-
धर्मदूत पूर्ण
-
गंधारनरेश पुक्कुसाति
-
अक्कोस भारद्वाज
-
भगवान की सही वंदना
-
अछूत कन्या प्रकृति
-
प्रकृति द्वारा विवाह का प्रस्ताव
-
स्थितप्रज्ञ अरहंत की अद्भुत सहिष्णुता
-
वीतक्रोध
-
ब्रह्मायु धन्य हुआ!
-
संन्यासी दारुचीरिय: देखने में केवल देखना
-
रोगी की सेवा
-
मुक्त हुआ बंदी
-
धम्मदिन्ना
-
मिगारमाता विशाखा
-
सुजाता सुधरी
-
आनंदबोधि
-
वृषल कौन?
-
सत्पुरुष बिंबिसार
-
बुद्ध की हत्या का षड्यंत्र
-
नालागिरि
-
मैं स्वयं हत्या करूंगा
-
भयभीत अजातशत्रु
-
सहिष्णुता और समता
-
धर्म-समन्वित भगवान के पैर चूमे
-
विनाशक जातिवाद
-
लिच्छवियों को गणराज्य की सुरक्षा का उपदेश
-
अंबपाली एवं लिच्छवी राजकुमार
-
मातृसेवा
-
भगवान बुद्ध का सही पूजन
-
बुद्ध की सही वंदना
-
सुभद्र की प्रव्रज्या
-
तथागत का पार्थिव शरीर
-
पहला व दूसरा संगायन
-
हृदय जीतने वाला सम्राट
-
तीसरा संगायन, सोण और उत्तर
-
भिक्षु महेंद्र
-
भिक्षुणी संघमित्रा
-
चौथा संगायन
-
दूषित हुए सद्धर्म का सुधार
-
पांचवां संगायन
-
अरहंत भिक्षु लैडी सयाडो
-
छठां संगायन
-
गृहस्थ संत सयातै जी
-
सयाजी ऊ बा खिन
-
सयाजी ऊ एवं माताजी
Análises
1 avaliação
Avalie este passeio-
11-10-2019
fascinating and beautiful infrastructure. outside is beautiful. Interior has art on display. Highly recommend
Baixe o aplicativo gratuito izi.TRAVEL
Crie seus próprios tours em áudio!
O uso do sistema e do aplicativo de guia móvel é gratuito